पीरियड्स क्या है? क्यों आते है हर महीने पीरियड्स जानें-Periods in Hindi

पीरियड्स क्या है? क्यों आते है हर महीने पीरियड्स जानें-Periods in Hindi
हेलो दोस्तों स्वागत है आपका www.helpmeindia.in पर, और मैं हूं डॉक्टर अर्चना निरूला एक महिला स्वास्थ्य विशेषज्ञ होने के नाते मेरी ये नेतिक जिम्मेदारी है कि मैं सभी महिलाओं को चाहे वो मैरिड हो चाहे वो अनमैरिड हो चाहे कॉलेज में जाने वाली लड़कियां स्कूल में जाने वाली लड़कियां हो या वो माताएं हो जिनकी बेटियों का अभी-अभी पीरियड स्टार्ट हुआ है। उनको सारी पीरियड्स से संबंधित बातों के बारे में बताना बहुत ही जरूरी है। इसलिए इस आर्टिकल में हम पीरियड्स से जुड़े सारी बातें पीरियड्स से जुड़े हुए सारे मिथकों के बारे में बात करेंगे।
पीरियड्स क्या होता है? Periods kya hai?
पीरियड यानी महावारी क्या होता है जब भी लड़की या लड़का किशोरावस्था में प्रवेश करते हैं तो दोनों के ही शरीरों में बहुत सारे बदलाव होते हैं। बहुत सारे हारमोंस का बदलाव आना जरूरी होता है जो महिलाएं होती है यानी जो लड़कियां होती हैं। उनके अंदर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन जो है, वो पैदा होना स्टार्ट हो जाता है जिसके कारण उनके शरीर में काफी बदलाव होता है और उनके जो रिप्रोडक्टिव सिस्टम है यानी जो महिला प्रजनन प्रणाली है, उसमे भी बहुत सारा बदलाव आता है और इसके चलते ही उनकी पीरियड स्टार्ट हो जाते हैं। पीरियड्स में हर महीने जो बच्चेदानी के अंदर की परत होती है। वो इस हारमोंस के प्रभाव के कारण ब्लड और म्यूकस के साथ जो है, शरीर से बाहर आती है। इसलिए हर महीने जो पीरियड का साइकिल है। यह बिल्कुल नॉर्मल है और हर लड़की में होना जरूरी भी है। यहां पर मैं आपको एक बात बताना चाहूंगी कि जब भी आपकी बेटी का पहला पीरियड आता है तो आपको बिल्कुल भी चिंता नहीं करनी चाहिए बल्कि आपको खुशी होनी चाहिए। आपको ये रिलैक्सेशन मिल जानी चाहिए कि आपकी बेटी का जो रिप्रोडक्टिव सिस्टम है जो उसकी प्रजनन प्रणाली है वो उसके शरीर के बाकी अंगों बाकी यात्रों की तरह बिल्कुल ही नार्मल है और बच्चे को भी आपको यही एहसास दिलाना चाहिए। आपको यह कभी नहीं बोलना चाहिए कि यह तो शरीर का गंध है जो बाहर निकल रहा है। बच्ची को प्यार से बिठाकर समझाना है कि ये जो है एक साइकिल है जो हर महीने हर लड़की के जीवन में आती ही है और इससे उसके कॉन्फिडेंस के ऊपर इसके उसके अपने विश्वास के ऊपर बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
पीरियड्स से जुड़ी हुई एक और बहुत ही जरूरी बात जो आपको अपनी बेटियों को जरूर बतानी चाहिए और वो है पीरियड्स के समय स्वच्छता का ध्यान रखना। देखो। वैसे तो नहाना धोना शरीर को साफ रखना रोजाना बहुत ही जरूरी है यहां पर ध्यान देने वाली बात ये है कि महिलाओं और लड़कियों को अपने शरीर को पीरियड्स के समय में ज्यादा अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। और साफ सफाई के ऊपर बहुत ही इंपोर्टेंस देनी चाहिए।
पीरियड्स के समय साफ सफाई जरूरी क्यों है?
वैसे तो नॉर्मल में हमारे जो यूट्रस के अंदर जो योनि के अंदर एक केमिकल बैलेंस मेंटेंस होता है जिसे हम PH कहते हैं और ये केमिकल बैलेंस ये PH जो नॉर्मल में एसिडिक रहता है। तो अंदर के कीटाणुओं को नष्ट करने में मदद करता है। जब आपके पीरियड्स आते हैं तो उस समय आपके शरीर के अंदर का जो BH है जो योनि और जो गर्भाशय का pH है, वो बदल जाता है और इस pH के बदलने के कारण कई बार ये कीटाणु जो है, वो पैदा होने स्टार्ट हो जाते हैं तो अगर आप साफ सफाई का ध्यान नहीं रखेंगे तो ये कीटाणु जो है वो आपके योनि के अंदर आपके यूट्रस के अंदर संक्रमण भी कर सकते हैं और इंफेक्शन पैदा कर सकते हैं।
पीरियड्स के समय नहाना चाहिए या नहीं
पीरियड के समय जो बच्चेदानी का मुंह होता है वो थोड़ा सा खुल जाता है तो इस समय अगर आपकी बेटी अगर कोई भी लड़की साफ सफाई का ध्यान नहीं देती है और अपने शरीर को गंदा रहने देती है तो इस समय जो कीटाणु है, वो इस खुले हुए मुंह के अंदर से होते हुए बच्चेदानी के अंदर पहुंचते सकते है और सारे ही रिप्रोडक्टिव सिस्टम में प्रवेश करके PID यानी पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज या संक्रमण कर सकते हैं। PID यानी पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज आगे जाके लड़की को बहुत ही दिक्कत दे सकती है। पीरियड्स के समय साफ सफाई के साथ मैं एक और बात बोलना बहुत ही जरूरी समझती हूं। कई परिवारों में ये परंपरा होती है। हमारी नानी और हमारी दादी हमें बताती हैं कि पीरियड के समय हमें नहाना नहीं चाहिए। समय आ गया है कि अब हमें अपनी बेटी को इस परंपरा के धागे में नहीं बांधना चाहिए। यह बिल्कुल ही गलत है। हमें रोजाना नहाना भी है और अपनी योनि और योनि के आसपास के क्षेत्र को साफ रखना भी बहुत जरूरी है।
पीरियड के दौरान कपड़े के पैड का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए?
अब यहां पर एक और चीज मैं बोलना चाहूंगी कि जब आपकी बेटी का पीरियड आता है तो आप उसको कपड़ा इस्तेमाल करने की सलाह बिल्कुल नहीं दीजिए, ये जो कपड़ा होता है, सूती का बना होता है। इसके अंदर जो एब्जॉर्ब करने की शक्ति होती है, वो बहुत ही कम होती है इसलिए कपड़ो में दाग लगने का चांस बढ़ जाता है। आपकी बेटी जो है वो स्कूल और कॉलेज जाने में झीझकती है घबराती है कि कहीं कपड़ो पे दाग न लग जाए। इसके साथ-साथ अगर वह कपड़ा इस्तेमाल करेगी तो उस कपड़े को आप जितना भी अच्छे से धो लो वो कभी भी पूरी तरीके से साफ नहीं हो पाएगा। उसके अंदर कीटाणु रह ही जाएंगे। जो आगे जाकर संक्रमण का कारण बन सकते हैं और तीसरी बात की जब आप यह कपड़ा धोते हैं तो आप इसको तेज धूप में सुखाने में शर्माते हैं। इसको दूसरे कपड़ों से ढकते हैं। इस कारण कपड़े में नमी हमेशा ही रह जाती है और वह अच्छे से सूखता नहीं है और अगर आप इस कपड़े का इस्तेमाल करेंगे तो आपकी बेटी को संक्रमण होने का चांस जो है बढ़ जाएगा।

इसलिए समझदारी इसमें है कि आप अपनी बेटी को सैनिटरी नेपकिन किट का इस्तेमाल की सलाह दे। सैनिटरी नैपकिन उसे हर 4 घंटे में जरूर बदलना है और दूसरी बात सैनिटरी नैपकिन को अच्छी तरीके से कागज में लपेट के ही फेंकना है।
पीरियड्स के दौरान आने वाली समस्याएं और ध्यान रखने वाली बातें।
कई बार हमारे पास माता आती हैं। माताएं आती है कि कहती हैं कि उनकी बेटी की अभी अभी कुछ महीने पहले ही पीरियड्स स्टार्ट हुए हैं और पीरियड स्टार्ट होने के बाद 2 या 3 महीने तक पीरियड फिर रुक गया है। या कई बार ऐसा होता है कि अभी पीरियड्स स्टार्ट हुए हैं और 1 महीने में दो बार पीरियड आ रहा है। लेकिन क्या होता है कि जब आपकी बेटी का पीरियड स्टार्ट होता है तो पहले साल हार्मोंस बदलाव इतना ज्यादा होता है कि कई बार ये पीरियड्स जो है ये रेगुलर हो सकते है ये बहुत ही नॉर्मल सी सिचुएशन है और इसमें आपको बिल्कुल भी घबराना नहीं है। ये कोई प्रॉब्लम नहीं है और ना ही डॉक्टर इसके लिए कोई ट्रीटमेंट देते हैं। धीरे-धीरे समय के साथ ये परेशानी जो है बिल्कुल ठीक हो जाती है।
यहां पर आपको क्या ध्यान देना है। यहां पर आपको ये ध्यान देना है कि आप अपनी बेटी को व्हेल बैलेंस डाइट दे यानी एक पौष्टिक आहार दें, जिसमें हरी सब्जियों की मात्रा और फ्रूट्स की मात्रा जो है, वह ज्यादा होनी चाहिए। आपको ध्यान देना चाहिए कि आपकी बेटी का जो हीमोग्लोबिन लेवल है, वह कम ना हो जाए यानी उसके शरीर में ब्लड की कमी ना हो जाए तो उसके लिए आपको पोस्टिक आहार भी देना है और साथ ही साथ अगर खून की कमी ज्यादा है। तो उसके लिए आयरन की टैबलेट भी आप अपनी बेटी को दे सकते हैं। आखिर में मैं बताना चाहूंगी कि पीरियड्स से जुड़ी तो सारी बातें मैंने आपको बताई है मेरे हिसाब से हर महिला को हर लड़की को चाहे वो मैरिड हो या अनमैरिड हो चाहे वो स्कूल में जाने वाली छोटी सी बच्ची हो उसको मालूम होनी चाहिए। और ये आर्टिकल पढ़कर आप अपनी बेटियों को ये सब सारी बातें जरूर बताइए।
निष्कर्ष
तो मैं आशा करती हूं कि periods kya hai पीरियड्स की सारी जानकारी मिल गई होगी और ये आर्टिकल पसंद आई होगी। अगर पसंद आई तो पीरियड्स को लेकर कोई सवाल आए तो कमेंट बॉक्स में कॉमेंट करे।
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